शुक्रवार, 19 मार्च 2021


 अफ़वाहों का दौर थमेगा जा ने कब तक

 उसको लेकर शोर थमेगा जाने कब तक अभी अभी मैसेज  में उसने प्यार लिखा हैं

देखो कितना और चलेगा जाने कब तक








हआअभ

मंगलवार, 2 जुलाई 2013

बहुत दिनों के बाद आज एक दिन निकला है

बहुत दिनों के बाद आज एक दिन निकला है 
गाव -गली में चाँद हमारे बिन निकला है 
जाने क्या कर जाये आज ये दिल डरता है 
बोत्तल वाला जीन शहर से फिर निकला 


कवि सर्वेश त्रिपाठी 

तेरे लफ्जों के जहाँ में बसर होने तक

तेरे लफ्जों के जहाँ में बसर होने तक
याद आएंगे हम खुद सहर होने तक
नाम लेकर मेरा मुझको ढूँढोगी तुम
ख़ाक हो जायेंगे हम खबर होने तक

कवि सर्वेश त्रिपाठी


अक्सर वो पूछा करती थी

अक्सर वो पूछा करती थी
कितना प्यार हमें करते हो
मेरे लिए क्या आसमान से
तारे तोड़ के ला सकते हो
मैं मुस्का कर यूँ कहता था
इससे भी ज्यदा करता हूँ
वो झुंझलाकर यूँ कहती थी
तो पापा से रिश्ता ला सकते हो


कवि सर्वेश त्रिपाठी 

पूर्वजो की प्रेरणा का ध्यान होना चाहिए

पूर्वजो की प्रेरणा का ध्यान होना चाहिए
बाज़ुओ की शक्ति का भी ज्ञान होना चाहिए
सयम की सारी बाध्यता जब शान्ति रेखा लांग दे
तब समर में शस्त्र का सँधान होना चाहिए


कवि सर्वेश त्रिपाठी





स्वागत है आपका और वन्दन है आपका

स्वागत है आपका और वन्दन है आपका 
वाणी सपूत पाणी अभिनंदन है आपका 
हे दार्शनिक महान अवलंबन है आपका 
बढ़ता रहे जीवन में सपंदन है आपका 


कवि सर्वेश त्रिपाठी 

चांदनी रात है आपका साथ

चांदनी रात है आपका साथ
झिलमिलाते सितारों की बरात है
आज ही हम मिले है परस्पर यहाँ
लग रहा है पुरानी मुलाकात है



कवि सर्वेश त्रिपाठी